EPFO Update: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हाल ही में अपने नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों को राहत मिलेगी। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य पुराने बकाया राशि के भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाना और तकनीकी समस्याओं के कारण होने वाली परेशानियों को दूर करना है। इससे न केवल नियोक्ताओं को अपने दायित्वों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि कर्मचारियों को भी अपने हक की राशि समय पर प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
डिमांड ड्राफ्ट से बकाया राशि का भुगतान
ईपीएफओ ने नियोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब वे नियोक्ता जो तकनीकी कारणों से ECR (इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न) प्रक्रिया के माध्यम से EPF बकाया का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, वे एक बार के लिए डिमांड ड्राफ्ट (DD) के माध्यम से इस राशि का भुगतान कर सकेंगे। यह सुविधा विशेष रूप से उन नियोक्ताओं के लिए लाभदायक होगी, जो ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया में तकनीकी बाधाओं का सामना कर रहे हैं और इसके कारण अपने कर्मचारियों के पुराने बकाया का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।
डिमांड ड्राफ्ट का प्रयोग सिर्फ एक बार
ईपीएफओ ने यह स्पष्ट किया है कि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान करने की यह सुविधा सिर्फ एक बार के लिए उपलब्ध होगी। भविष्य में नियमित भुगतान के लिए नियोक्ताओं को इंटरनेट बैंकिंग का ही उपयोग करना होगा। इसके अलावा, ECR दाखिल करने की प्रक्रिया भी पहले की तरह जारी रहेगी। डिमांड ड्राफ्ट PFC-in-Charge के नाम पर बनाया जाएगा और यह उसी बैंक शाखा में देय होगा, जहां ईपीएफओ का स्थानीय कार्यालय स्थित है। इस प्रकार, नियोक्ताओं को पुराने बकाया के भुगतान के लिए एक वैकल्पिक माध्यम प्रदान किया गया है।
क्लेम प्रक्रिया में हुए सरलीकरण
ईपीएफओ ने क्लेम फाइल करने की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब कर्मचारियों को क्लेम फाइल करते समय कैंसिल चेक या पासबुक अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ बैंक खाते को जोड़ने के समय बैंक खाताधारक का नाम पहले से ही ईपीएफ सदस्य के विवरण के साथ सत्यापित हो जाता है। इससे क्लेम प्रक्रिया और अधिक सरल हो गई है, जिससे कर्मचारियों को अपने पीएफ क्लेम को आसानी से दाखिल करने में मदद मिलेगी।
बैंक खाता वेरिफिकेशन प्रक्रिया में बदलाव
ईपीएफओ ने बैंक खाता वेरिफिकेशन प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब कर्मचारियों को अपना बैंक अकाउंट वेरीफाई करने के लिए नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। वे आधार ओटीपी के माध्यम से अपना पीएफ खाता स्वयं वेरिफाई कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर कोई कर्मचारी EPF से जुड़े बैंक खाते को बदलना चाहता है, तो वह नए बैंक खाते की जानकारी डालकर ओटीपी के माध्यम से खुद ही वेरीफाई कर सकेंगे। इससे कर्मचारियों को अपने बैंक खाते के अपडेशन में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और प्रक्रिया भी तेज होगी।
यूएएन से बैंक खाता जोड़ने की प्रक्रिया में सरलीकरण
ईपीएफओ ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ बैंक खातों को जोड़ने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है। अब इस प्रक्रिया में नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। वर्तमान में प्रत्येक सदस्य को अपने बैंक खाते को यूएएन से जोड़ना आवश्यक है, ताकि उनके पीएफ निकासी को ऐसे खाते में आसानी से जमा किया जा सके। चूंकि यूएएन के साथ बैंक खाते को जोड़ने के समय बैंक खाताधारक का नाम पहले से ही ईपीएफ सदस्य के विवरण के साथ सत्यापित होता है, इसलिए अब इस अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं है। इस बदलाव से लगभग 6 करोड़ सदस्यों को तत्काल लाभ मिलेगा।
उमंग ऐप के माध्यम से यूएएन जनरेशन
ईपीएफओ ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जेनरेट और एक्टिवेट करने के लिए उमंग ऐप भी शुरू किया है। इस ऐप के माध्यम से कर्मचारी आधार फेस ऑथेन्टिकेशन टेक्नॉलजी का उपयोग करके स्वयं अपना UAN बना सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से नए कर्मचारियों के लिए उपयोगी होगी, जिन्हें अभी तक UAN नहीं मिला है। इससे न केवल UAN जनरेशन प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि कर्मचारियों को अपने पीएफ खाते तक पहुंचने में भी आसानी होगी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा किए गए ये बदलाव निश्चित रूप से नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए लाभदायक साबित होंगे। डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से बकाया राशि के भुगतान की सुविधा से नियोक्ता अपने दायित्वों को पूरा कर सकेंगे, जबकि बैंक खाता वेरिफिकेशन और यूएएन जनरेशन प्रक्रिया में सरलीकरण से कर्मचारियों को अपने पीएफ खाते का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। इन बदलावों से ईपीएफओ की सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी, जिससे अंततः देश के श्रमिक वर्ग को लाभ होगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है। ईपीएफओ से संबंधित नवीनतम जानकारी के लिए कृपया ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या उनके कार्यालयों से संपर्क करें। इस लेख में दी गई जानकारी सरकारी नियमों में बदलाव के अनुसार परिवर्तित हो सकती है। किसी भी आधिकारिक कार्रवाई से पहले ईपीएफओ के आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करना सुनिश्चित करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी गलत जानकारी या इसके उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।