government employees pension: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कम्यूटेड पेंशन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। वर्तमान में कम्यूटेड पेंशन की बहाली अवधि 15 साल निर्धारित है, जिसे घटाकर 12 साल करने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। अब यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है और कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार इस मांग पर गंभीरता से विचार कर सकती है। इस बदलाव से हजारों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा, क्योंकि उन्हें अपनी पूरी पेंशन पाने के लिए कम समय इंतजार करना पड़ेगा।
कम्यूटेड पेंशन का वर्तमान स्वरूप
वर्तमान नियमों के अनुसार, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी मासिक पेंशन के एक हिस्से का एकमुश्त भुगतान (लंप-सम राशि) कम्यूटेड पेंशन के रूप में किया जाता है। इसके बदले में, उनकी मासिक पेंशन से एक निश्चित राशि की कटौती 15 साल तक की जाती है। इस कटौती के जरिए सरकार एकमुश्त दी गई राशि को वसूल करती है। 15 साल की अवधि पूरी होने के बाद ही कर्मचारी को उसकी पूरी पेंशन मिलनी शुरू होती है। कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि यह अवधि बहुत लंबी है और इसे कम किया जाना चाहिए।
कर्मचारी संगठनों की मांगें
केंद्रीय कर्मचारियों के प्रमुख संगठन, जैसे कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स, लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। उनकी मांग है कि कम्यूटेड पेंशन की बहाली अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल किया जाए। कर्मचारी संगठन मानते हैं कि इस बदलाव से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके जीवन के महत्वपूर्ण वर्षों में आर्थिक राहत मिलेगी। कई कर्मचारी संगठन देशभर में प्रदर्शन और बैठकें कर इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।
8वें वेतन आयोग से जुड़ी उम्मीदें
केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि आने वाले 8वें वेतन आयोग में इस मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग भी कर्मचारियों की प्राथमिकताओं में शामिल है। वे चाहते हैं कि आयोग का गठन जल्द से जल्द किया जाए ताकि उनकी अन्य मांगों पर भी विचार हो सके।
अन्य प्रमुख मांगें
कम्यूटेड पेंशन के अतिरिक्त, केंद्रीय कर्मचारियों की कई अन्य महत्वपूर्ण मांगें भी हैं। इनमें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली, 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते (डीए एरियर) का भुगतान, और अनुकंपा नियुक्तियों की सीमा को समाप्त करना शामिल है। कर्मचारी चाहते हैं कि सरकारी विभागों में खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाए ताकि कार्यभार कम हो और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो।
कर्मचारियों में बढ़ता असंतोष
कर्मचारियों का मानना है कि सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है, जिससे उनमें असंतोष बढ़ रहा है। वे महसूस करते हैं कि उनकी उचित मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि वे देश की प्रशासनिक व्यवस्था को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस असंतोष को दूर करने के लिए सरकार से उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करने की अपेक्षा की जा रही है।
सरकार का रुख
अभी तक सरकार ने कम्यूटेड पेंशन की बहाली अवधि को कम करने के संबंध में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त मंत्रालय इस मुद्दे पर विचार कर रहा है और इसके आर्थिक प्रभावों का आकलन कर रहा है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में कोई सकारात्मक घोषणा हो सकती है, खासकर 8वें वेतन आयोग के गठन के साथ।