Salary Hike:भारत में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए वेतन आयोग एक महत्वपूर्ण घटना है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है। हाल ही में, आठवें वेतन आयोग की घोषणा ने देश भर में एक नई उम्मीद जगाई है। केंद्रीय कैबिनेट द्वारा 16 जनवरी 2025 को इस आयोग को मंजूरी दी गई है, जो 50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनरों के लिए एक संजीवनी साबित हो सकता है।
वेतन वृद्धि
गोल्डमैन सैक्स की एक ताजा रिपोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों में उत्साह भर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी में 14,000 से 19,000 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है। वर्तमान में, केंद्र सरकार के कर्मचारियों की औसत मासिक आय (कर से पहले) लगभग 1 लाख रुपये है। यह संभावित वृद्धि 14 से 19 प्रतिशत के बीच हो सकती है, जो एक उल्लेखनीय बदलाव होगा।
बजट परिदृश्य
सरकार ने वेतन वृद्धि के लिए कई बजट परिदृश्य तैयार किए हैं। पहला परिदृश्य 1.75 लाख करोड़ रुपये के बजट पर आधारित है, जिसमें 50 प्रतिशत सैलरी और 50 प्रतिशत पेंशन वृद्धि शामिल है। इस स्थिति में, औसत सैलरी में 14,600 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि होगी। दूसरे परिदृश्य में 2 लाख करोड़ रुपये के बजट के साथ, मासिक वेतन वृद्धि 16,700 रुपये तक पहुंच सकती है। तीसरा और सबसे आशाजनक परिदृश्य 2.25 लाख करोड़ रुपये के बजट के साथ है, जिसमें कर्मचारियों को प्रतिमाह 18,800 रुपये की वृद्धि मिल सकती है।
फिटमेंट फैक्टर
वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पिछले 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था। वर्तमान में, विभिन्न अनुमान सामने आ रहे हैं। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.57 पर बना रहता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 से बढ़कर 46,260 और न्यूनतम पेंशन 9,000 से बढ़कर 23,130 हो जाएगी। पूर्व वित्त सचिव सुबाष गर्ग का अनुमान 1.92 के फिटमेंट फैक्टर का है, जिसमें न्यूनतम वेतन 34,560 रुपये होगा।
कार्यान्वयन और समय सीमा
वर्तमान में, आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति अभी बाकी है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस आयोग की रिपोर्ट 2026 या 2027 में लागू हो सकती है। पिछले 7वें वेतन आयोग में सरकार ने 1.02 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे, जिससे वित्तीय दबाव बढ़ा था।
8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय और कार्यान्वयन पर अभी भी प्रतीक्षा की जा रही है। कर्मचारी संगठनों और सरकार के बीच वार्ता और समन्वय इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
Disclaimer:
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। वेतन वृद्धि और नीतिगत निर्णय सरकार के विवेक पर निर्भर करते हैं।